मेरा नाम दीपक है और मै मध्यप्रदेश के शहडोल जिले से हूं। आज मै अपनी ज़िन्दगी की पहली और आखिरी प्यार के बारे में बता रहा हूं, जो कि एक तरफा प्यार (ek tarfa sacha pyar) था।
One Sided Love Story of a Boy in Hindi
एक लड़की थी जिसका नाम रजेश्री था और वो कुछ समय पहले ही मेरे घर के कुछ दूरी पे रहने के लिए शिफ्ट हुई थी। हमारी मुलाकात पहली बार नवरात्रि में माता जी के दरबार में हुई थी। और देखते ही मै अपना दिल दे बैठी था उसे।
फिर मैं उसके बारे में जानकारी निकालने लगा कि कहा पढ़ती है,किस कक्षा में है,कहा ट्यूशन पढ़ती है। जिस स्कूल में मै पढ़ता था, वो डबल शिफ्ट की स्कूल थी पहली शिफ्ट सुबह 7 बजे से दोपहर के 12 बजे तक और दूसरी शिफ्ट दोपहर के 12 बजे से शाम 5 बजे तक।
Ek Tarfa Pyar Story in Hindi
मै सुबह 7 बजे वाली शिफ्ट में पढ़ता था,और मुझे बाद में पता चला कि वो भी इसी स्कूल में पढ़ती है लेकिन 12 बजे वाली शिफ्ट में। फिर मैं हर रोज स्कूल की छुट्टी के बाद उसका इंतजार करता था, ताकि मै उसको देख सकूं। और जब उसे देख लेता तो मेरे दिल को एक अजीब तरह की सुकून मिलती।
मै हर रोज उसको ऐसे ही देखता। फिर जहां वो ट्यूशन पढ़ती थी वहां मै भी ट्यूशन पढ़ने लगा। लेकिन वहां जाकर मुझे पता चला कि वो तो 10वी कक्षा मै है जबकि में तो 11वी MATH से हूं। लेकिन मेरी किस्मत अच्छी थी कि पहले 10वी की क्लास लगती और उसके बाद नेक्स्ट क्लास 11वी की। तो मेरे लिए बहुत ही अच्छा था, कि कम से कम एक बार ट्यूशन आते वक्त उसको देख तो लूंगा।
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फिर कुछ दिनों बाद एक दोस्त से मुझे उसके पापा और मम्मी का नंबर मिला। मुझे बाद में पता चला कि वो मोबाइल ही नहीं रखती थी। फिर मै यूं ही दोनों नंबर पे कभी हैलो तो कभी हाय लिखकर के मैसेज कर देता। और मै हर जगह उसका पीछा करने लगा और वो भी सिर्फ उसे देखने के लिए। तो धीरे धीरे उसे महसूस हुआ कि ये लगका मुझे हर जगह follow करता है। तो उसने एक दिन मुझे रास्ते पे रोक कर मुझसे पूछ कि तुम मेरा पीछा क्यों करते हो।
मेरे अंदर उससे बात करने की हिम्मत ही नहीं थी तो मैंने लड़खड़ाते हुए जुबान से कह दिया कि मै ऐसे ही घूमता रहता हूं। फिर किसी दिन उसने अपने मम्मी पापा के फोन को देखा होगा तो उसमे मेरा मैसेज था। तो उसने मुझे रिप्लाइ किया की आप को हो। तो मैंने फिर से रिप्लाइ किया कि में आपका आशिक बोल रहा हूं। पहले तो मैंने उसे अपना नाम नहीं बताया फिर धीरे धीरे मैसेज में बाते होते-होते मैंने बता दिया।
फिर उसने बताया कि मै तुमसे बात नहीं करना चाहती,तो मैंने पूछा कि क्यों तो उसने जवाब दिया कि वो किसी और से बात करती है। तो मैंने पूछा कि किससे तो उसने नाम नहीं बताया और कहा कि अगर मै नाम बताऊंगी तो आप दोनों कि आपस में झगड़ा हो जाएगा। (असल में वो मेरे एक दोस्त से प्यार करती थी और मेरा दोस्त भी उसे करता था।)
तो मैंने काफी कोशिश की कि उसके बारे में पता चल जाए जिससे वो प्यार करती है लेकिन नहीं पता चला। लेकिन मै उससे इतना प्यार करता था कि मै उसके लिए कुछ भी कर सकता था। किसी कि जान तो नहीं ले सकता था लेकिन खुद अपनी जान दे सकता था। तो मैंने 3 साल तक वहीं काम किया। रोज उसका पीछा करना बस उसे देखना। लेकिन मेरे अंदर हिम्मत ही नहीं थी कि उससे मिल कर आमने सामने उससे बात कर लूं। तो उससे मै SMS में ही बात करके इजहार करता था कि वो मेरी हो जाए। लेकिन में उसे नहीं मना पाया।
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मै उसके लिए इतना पागल हो गया था कि अपना 3 साल मैंने उसके पीछे बर्बाद कर दिया और इन 3 सालों में मेरे साथ बहुत कुछ हो गया। यहां तक कि मेरी पढ़ाई भी बर्बाद हो गई। मै अपने क्लास मै टॉपर हुआ करता था और में 12 वी भी फ़ैल हो गया। मैंने दूसरी साल 12 वी में दाखिला लिया और फिर से फ़ैल हो गया।
और अंत में जाकर समझ चुका था कि अब वो मुझे नहीं मिलने वाली। और फिर मैंने फैसला लिया कि जब वो मेरी नहीं हो सकती तो मै जी कर क्या करूंगा। इसलिए मैंने ज़हर खा लिया। लेकिन मेरी किस्मत इतनी खराब थी कि मै बच गया। लेकिन हॉस्पिटल से आने के बाद मै 2 महीने तक घर से बाहर नहीं निकला।
फिर एक दिन मुझे कॉल आया उसके पापा के नंबर से तो मैंने फोन उठाया, तो उसने मुझसे पूछा कि सुनने में आया है की तुम ज़हर खा लिए थे। तो मैंने कहा कि हां,क्युकी अब मै जीना नहीं चाहता। तो उसने मुझे समझाने की कोशिश की कि मेरे जैसे तुम्हे हजारों मिल जाएंगी। लेकिन मुझे तो वो ही चाहिए थी,तो मैंने कह दिया की मुझे पूरी दुनिया में सिर्फ आप ही दिखते हो। तो उसने फोन काट दिया।
फिर दूसरे दिन अचानक से उसका भाई मुझसे लड़ने आ गया कि तू मेरी बहिन का पीछा क्यों करता है। तो मैंने उससे कहा कि अपनी बहेन से पूछ ले मैंने 2 महीने से उसको देखा तक नहीं है। फिर वो चला गया। लेकिन मुझे अब भी समझ में कुछ नहीं आ रहा था कि कहा जाएँ, क्या करूं, उसके बिना। तो मैंने फैसला लिया कि अपने आप को बिजी रखूंगा तो मुझे उसकी याद नहीं आएगी।
Ek tarfa pyar ki kahani
तो मेरी करियर तो पहले ही ख़तम हो गई थी। इसलिए मैंने अपने मा बाप से इजाजत लिया और बाहर चला गया गुजरात। और वह मेहनत का काम करने लगा। मै वहां 36 घंटे काम करता (2 दिन और 1 रात) और रात में आकर सो जाता। ऐसे में मुझे उसकी याद नहीं आती थी।
फिर लगभग दो महीने बाद मेरे एक दोस्त का फोन आया और उसने बताया कि वो जिससे बात करती है उसके बारे में पता चल गया है। (मै तो हमेशा ही सोचता था कि वो किसी से प्यार नहीं करती और वो मुझसे पीछा छुड़ाने के लिए ऐसा कहती रहती थी कि वो किसी और से बात करती है। और नाम पूछने पर नहीं बताती थी।)
लेकिन जब नाम सुना तो वो मेरा ही खास दोस्त निकला। इससे मुझे थोड़ा सा झटका लगा, लेकिन फिर अपने आपको संभाला और एक रुटेड फोन खरीदा। वैसे मेरा दिमाग बहुत तेज है तो मुझसे हैकिंग भी आती थी।
तो मै रूटेड फोन खरीद कर आ गया वापस अपने घर और मैंने अपने दोस्त का नंबर हैक ट्रैक करना चालू कर दिया तब मुझे पता चला कि मेरा एक और दोस्त ने जो बताया था वो सच था। और सच का पता लगाने के बाद मै वापस चला गया और करीब 1 साल बाहर रहने के बाद वापस आया तो पूरे दिलो दिमाग से उसको निकाल चुका था।
लेकिन दिल के किसी कोने में वो आज भी है। शायद इसलिए हर साल मै अकेले उसका बर्थडे मानता हूं और ऊपर वाले से यही मांगता हूं कि हमेशा वो खुश रहे।
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